
तेरे ख़्वाबों से है वास्ता कोई
इन निगाहों से है रास्ता कोई
उसे देखके मैं खिल उठता हूँ
बच्चे में बसा है फरिश्ता कोई
हमें तो हर धर्म की तहज़ीब है
मेरा वतन ही है गुलिस्तां कोई
चाँद जो यौवन के उरूज पे है
मेरे महबूब सा है शाइस्ता* कोई
मैं वक़्त को हराके अभी बैठा हूँ
इक नई सदी दे दो आहिस्ता कोई
*शाइस्ता-खूबसूरत लड़की (पश्तून भाषा में)